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CG HEALTH DEPARTMENT ALL GOVERNMENT SCHEMES LIST : छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की सभी सरकारी योजना का लिस्ट

CG HEALTH DEPARTMENT ALL GOVERNMENT SCHEMES LIST : छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की सभी सरकारी योजना का लिस्ट

विभागीय योजनाओं की जानकारी

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की सभी सरकारी योजनाओं का लिस्ट

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की सभी विभागीय योजनाओं की जानकारी

CHHATTISGARH HEALTH DEPARTMENT ALL GOVERNMENT SCHEMES LIST

CG HEALTH DEPARTMENT ALL GOVERNMENT SCHEMES LIST

CG HEALTH DEPARTMENT ALL SARKARI YOJNA LIST

CG HEALTH DEPARTMENT KI SABHI SARKARI YOJNA KA  LIST


CG HEALTH DEPARTMENT ALL GOVERNMENT SCHEMES LIST : छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की सभी सरकारी योजना का लिस्ट


विभाग का नाम

NAME OF THE DEPARTMENT OF ALL GOVERNMENT SCHEMES LIST

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला रायपुर (छ.ग.)


विभागीय योजनाओं की जानकारी

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियानः-

Prime Minister Safe Motherhood Campaign:-
राष्ट्रीय स्तर से प्रारंभ की गई यह योजना 09 मई 2016 से प्रारंभ हुई है एवं छ.ग. राज्य के प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में संचालित की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व हेतु हर गर्भवती महिला का गर्भकाल के दौरान चिकित्सक द्वारा प्रसव पूर्व जांच प्रत्येक माह संपादित कर सुरक्षित प्रसव संपादित कराने में सहयोग करना जिससे मातृ मृत्यु को कम किया जा सके। इस योजना के तहत् प्रत्येक माह की 09 एवं 24 तारीख को चिकित्सक द्वारा गर्भवती माताओं का प्रसव पूर्व संपूर्ण जांच की जाती है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों के चिकित्सकों द्वारा भी शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क सेवाभाव से सेवायें प्रदान कर इस योजना से गर्भवती माताओं को लाभान्वित कर मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु को कम करने में सहयोग किया जा रहा है।

जन्म सहयोगी कार्यक्रमः-

Birth Support Program:-
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत् प्रसव संगी के रूप में प्रसुता महिला के साथ प्रसव कक्ष मे उसके परिवार के सदस्य या निकट संबंधी को जाने की अनुमति देकर प्रसुता की प्रसव पीड़ा एवं प्रसव में भावनात्मक सहयोग किये जाने से सुरक्षित एवं प्रसव प्रक्रिया सरल बनाकर सुरक्षित प्रसव संपादन में अनुपूरक गतिविधियों के रूप में यह योजना संचालित की गई है।

इस योजना का शुभारंभ जिले में 26 जनवरी 2016 से हुआ हैं। इस योजना के अतर्गत सभी प्रसव संपादित करने वाले शासकीय चिकित्सालयों में प्रसुति महिला के साथ उसके परिवार के महिला सदस्य या सहयोगी / मितानिन को प्रसव कक्ष में पृथक से बैठने की व्यवस्था की जाती है।


आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना

Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana Dr. Khubchand Baghel Health Assistance Scheme

योजना का उद्देश्य - योजना का उद्देश्य राज्य के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा तक पहुंच में सुधार करना है। इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों की संख्या में विस्तार किया गया है। साथ ही पूर्व की योजनाओं के अंतर्गत अलग-अलग पात्रता मापदंड एवं प्रक्रियाओं, जिनके कारण मरीजों को उपचार हेतु औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए भटकना पड़ता था, को सरल बनाकर उपचार प्राप्त करने की आसान प्रक्रिया सुनिश्चित किया गया है।

आयष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना योजनांतर्गत् पंजीकृत अस्पतालों में योजना के निर्धारित पैकेज अंतर्गत् भर्ती होने की दशा में अन्त्योदय व प्राथमिकता के राशन कार्डधारी परिवारों अथवा सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना (SECC) में निर्धारित वंचित श्रेणी (Deprived category) के परिवारों को प्रतिवर्ष रू. 5 लाख तक नगद रहित उपचार की सुविधा प्राप्त है। शेष सभी प्रकार के अन्य राशन कार्डधारी परिवारों को रू. 50 हजार तक के नगद रहित उपचार की सुविधा उपलब्ध है।

> योजनांतर्गत् उपचार हेतु पात्रता के विभिन्न आधार ई-कार्ड बनवाकर उपचार सुविधा प्राप्त कर सकते हैं:- मरीज / हितग्राही निम्न आधार पर निःशुल्क

• नवीनीकृत राशन कार्ड के माध्यम से,

• ऐसे हितग्राही जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है किंतु वे यदि आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत् पात्र परिवारों की सूची में शामिल हैं, तो वे सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना में दर्ज एच.एच. आई.डी. नंबर या आयुष्मान भारत योजना के पी.एम. लेटर के माध्यम से,

• ऐसे परिवार/हितग्राही जो पूर्व में योजना का लाभ ले चुके हैं या फिर जिनके पास योजनांतर्गत् पूर्व में निर्मित ई-कार्ड उपलब्ध है, तो वे इस ई-कार्ड के माध्यम से,

• ऐसे परिवार/हितग्राही जिनके पास राशनकार्ड / सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना में दर्ज एच. एच. आई.डी./ आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत् पी.एम. लेटर / पूर्व में निर्मित ई-कार्ड कुछ भी उपलब्ध न हो तब भी वे अपने नाम से search करा कर योजनांतर्गत् लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

ध्यान दें कि, उपरोक्त चारों परिस्थितियों में हितग्राही को आधार कार्ड या अन्य व्यक्तिगत् शासकीय फोटो पहचान-पत्र ले जाना आवश्यक है तथा पूर्व में निर्मित स्मार्ट कार्ड वर्तमान में क्रियाशील नही है।

अस्पतालों का नेटवर्क - योजनांतर्गत हितग्राही मरीज के लिए पंजीकृत शासकीय या निजी अस्पताल में पात्रतानुसार नगद-रहित उपचार की सुविधा है। जिले रायपुर में योजनांतर्गत् कुल 250 अस्पताल पंजीकृत हैं जिनमें से शासकीय अस्पताल 53 एवं निजी अस्पताल 197 हैं।

हितग्राही स्वयं बना सकता है अपना आयुष्मान कार्डः- आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए दस्तावेज 

1. राशन कार्ड, 

2. आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। सर्वप्रथम Play store से Ayushman App व Aadhar Face RD app डाउनलोड करें. Ayushman App Link -

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.beneficiaryapp&pcampaignid=web_शेयर Aadhar Face RD app link -https://play.google.com/store/apps/details?id=in.gov.uidai.facerd

आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रकिया :-

1. आयुष्मान ऐप में लॉगिन पर जाये।

2. विकल्प चुने, अपने मोबाईल नंबर दर्ज करें एवं OTP डालकर लॉगिन करें।

3. छत्तीसगढ़, राशन कार्ड विकल्प का ही चयन करें।

4. फेमिली आई, अपना जिला चुने राशन कार्ड नंबर दर्ज कर सर्च करें।

5. परिवार के सदस्यों की जानकारी प्रदर्शित होगी, जिन सदस्यों का नाम हरा रंग में होगा उनका आयुष्मान कार्ड बन चूका है एवं जिन सदस्यों का नाम नारंगी रंग में होगा उनका कार्ड बनाना होगा। उनके नाम के सामने Do e-KYC विकल्प प्रदर्शित होगा।

6- Do e-KYC विकल्प का चयन करें आगे आधार Authentication हेतु 4 विकल्प प्रदर्शित होंगे। Aadhar OTP, Finger Print, Iris Scan, Face Auth

यदि आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर उपलब्ध है तो Aadhar OTP विकल्प का चयन करें और यदि Aadhar से लिंक मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं है तो Face Auth विकल्प का चयन करें। यदि आपके पास Finger Print बायोमेट्रिक्स डिवाइस उपलब्ध है तो Finger Print विकल्प का चयन कर Aadhar Authentication पूर्ण करें।

7. Aadhar Authentication के उपरांत Capture Photo विकल्प पर जाकेर अपना close up photo capture करना होगा।

8. इसके पश्चात् एड्रेस व मोबाईल नंबर की जानकारी भरकर submit बटन पर क्लिक करें।

9. इस प्रकार सबमिट करते ही आपका KYC पूर्ण हो जायेगा। KYC Auto approve भी हो सकता है Auto approve होने पर कार्ड डाउनलोड किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना

Chief Minister Special Health Assistance Scheme
1. संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अन्त्योदय व प्राथमिकता के क्रियाशील राशन कार्डधारी परिवारों को प्रतिवर्ष रू. 25 लाख तक की राशि के उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है।

2. इस योजना के अंतर्गत चिन्हित दुर्लभ बीमारियों का उपचार किया जा रहा है।

3. योजना का लाभ निम्नानुसार अस्पतालों में प्राप्त किया जा सकेगा

• राज्य एवं राज्य के बाहर के सभी सरकारी चिकित्सालय


जननी सुरक्षा योजनाः-

Janani Suraksha Yojana:-
जननी सुरक्षा योजना का शुभारंभ जिले में 19 फरवरी 2006 से हुआ। इस योजना का उद्देश्य प्रसवकाल एवं प्रसव पश्चात माता एवं नवजात में होने वाली जटिलता में कमी लाकर माता एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है। योजनान्तर्गत गर्भवती महिलाओं को शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं यथा- मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा उपस्वास्थ्य केन्द्रों के अतिरिक्त शासन द्वारा मान्यता प्रदाय किये गये निजी चिकित्सालय, में प्रसव कराये जाने पर मातृत्व सहायता राशि प्रदाय की जाती है। सहायता राशि नगरीय क्षेत्र की महिलाओं के लिये 1000 रूपये, ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिये 1400 रूपये डी.बी.टी. प्रणाली, पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से महिला को चिकित्सालय से छुट्टी के समय प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत घर पर प्रसव होने वाली माताओं को भी 500 रूपये मातृत्व लाभ की पात्रता है, परन्तु इसके लिये हितग्राही को गरीबी रेखा के परिवार की महिला होना आवश्यक है। इसी प्रकार मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में प्रसव हेतु केवल बी.पी.एल. परिवार की महिला को योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान है।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रमः-

Janani Shishu Suraksha Programme:-
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ जिले में 15 अगस्त 2011 से हुआ। इस योजना का उद्देश्य गर्भधारण से एवं प्रसव पश्चात 42 दिवस तक माता के लिये एवं नवजात शिशु के जन्म से 01 वर्ष तक शिशु में होने वाली बीमारियों एवं जटिलता में कमी लाना तथा पूर्णतः निःशुल्क उपचार, उपचार हेतु निःशुल्क परिवहन, निःशुल्क गुणवत्ता पूर्ण भोजन प्रदान कर मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है।

उपरोक्त योजनान्तर्गत गर्भवती महिलाओं को सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं यथा- मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा उपस्वास्थ्य केन्द्रों में पूर्णतः निःशुल्क परिवहन सेवा घर से अस्पताल तक एवं अस्पताल से घर तक, पूर्णतः निःशुल्क उपचार एवं समस्त लैब संबंधी जांच, सोनोग्राफी तथा अस्पताल में उपचार के दौरान निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाने का प्रावधान है।

गर्भधारण पूर्व एवं प्रसुति निदान तकनीक एक्ट (पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. एक्ट):-

Pre-Conception and Obstetric Diagnostic Techniques Act (PC & PNDT Act):-

पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत् गर्भस्थ शिशु की लिंग की जांच कराना एवं करना अपराध है। लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये अधिसूचित इस कानून के तहत् किसी भी संस्थान द्वारा इस प्रकार की गतिविधि की जा रही हो तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग अथवा जिला प्रशासन को दी जा सकती है। जिसके तहत् संस्थान अथवा किसी भी कर्मचारी के विरूद्ध अपराध सिद्ध होने पर दण्डात्मक कार्यवाही का तथा जेल भेजने तक का प्रावधान है।


साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरक कार्यक्रम (WIFS):-

Weekly Iron Folic Acid Supplementation Schedule (WIFS):-
इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरावस्था में खुन की कमी से बचाव करना है. इस उम्र में सर्वाधिक विकास एवं शारीरिक परिवर्तन होते हैं। ऐसी अवस्था में आई.एफ.ए. की नीली गोली बच्चों को दिये जाने से आने वाले समय में किशोर एवं किशोरियों के मानसिक एवं शारीरिक विकास में यह अनुपूरक कार्य करती है। साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरक कार्यक्रम के तहत् स्कूल के माध्यमिक शाला से उच्चतर माध्यमिक शाला अर्थात 6वीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्रति मंगलवार एवं आंगन बाड़ी केन्द्र में 10 से 19 वर्ष की शाला त्यागी लड़कियों को प्रत्येक शनिवार आयरन फोलिक एसिड की नीली गोली खिलायी जाती है। इस कार्यक्रम के तहत् वर्ष में दो बार कृमि नाशक गोली एलबेंडाजोल फरवरी एवं अगस्त में प्रत्येक हितग्राही बच्चों को दिया जाता है।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रमः-

National Adolescent Health Programme:-
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत् 10 से 19 वर्ष की आयु के किशोर / किशोरियों के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर फिक्स डे सर्विसेज के माध्यम से क्लिनिक एवं कांउसलिंग की व्यवस्था होती है। इस दिवस को किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम से संबंधित गतिविधियों का आयोजन भी समय-समय पर किया जाता है। इस क्लिनिक में बैठने वाले पैरामेडिकल एवं चिकित्सकीय स्टॉफ द्वारा किशोर / किशोरियों की समस्या सुनकर उन्हें परामर्श एंव निःशुल्क ईलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है, यदि कोई गंभीर बीमारियों की संभावना होती है तो उन्हें तत्काल उच्च स्तरीय अस्पतालों में रिफर किया जाता है। जिले के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वर्तमान में यह सुविधा दी जा रही है।

राष्ट्रीय समग्र टीकाकरण कार्यक्रमः-

National Comprehensive Immunization Programme:-
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं एंव बच्चों में जानलेवा बीमारियों से बचाव हेतु रोग प्रतिरक्षण टीके लगाया जाना एवं गर्भवती माताओं को टी.टी. के टीके लगा कर धनुषटंकार की बिमारी से बचाव करना। जिससे मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आये। इस कार्यक्रम के तहत् 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को 12 प्रमुख बीमारियों से बचाव के लिये रोग प्रतिरक्षण टीके लगाये जाते है। 1 वर्ष तक के शिशुओं को सम्पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम के तहत् 12 माह की उम्र के पूर्व निर्धारित टीके लगाये जाते है। जिसमें बी.सी.जी., ओ.पी.व्ही., हेपेटाइटिस, पेन्टा, आईपीव्ही एवं एमआर तथा विटामिन-ए की खुराक शामिल है। 1 वर्ष के उपरांत बच्चों को 16 से 24 माह में डी.पी.टी. पोलियो बुस्टर डोज एमआर का दूसरा टीका एवं विटामिन-ए की दूसरी खुराक पिलाई जाती है। जब बच्चा 2 वर्ष की आयु में निर्धारित समस्त टीक लगवा लेता है तो उसका संपूर्ण टीकाकरण हो जाता है। 5 वर्ष एवं 16 वर्ष की आयु में धनुषटंकार की बिमारी से बचाव हेतु टी.टी. के टीके लगाए जाते है। जिले में इस कार्यक्रम हेतु प्रत्येक ग्राम में प्रतिमाह मंगलवार को ए.एन.एम. द्वारा टीकाकरण सत्र का आयोजन एवं शुक्रवार को केन्द्रों में ए.एन.सी. क्लिनिक का आयोजन किया जाता है। जिसे ग्राम स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता दिवस के नाम से आयोजित किया जाता है, गर्भवती माता का टीकाकरण एवं ए.एन.सी. जांच व स्वास्थ्य शिक्षा भी इस दिवस में दी जाती है।


राष्ट्रीय पल्स पोलियो कार्यक्रमः-

National Pulse Polio Programme:-

राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पल्स पोलियो कार्यक्रम वर्ष में 2 बार आयोजित किये जाते है इस कार्यक्रम के तहत् 0 से 5 वर्ष के सभी बच्चों को एनआईडी दिवस पर देश के सभी बच्चों को एवं एसआईडी दिवस पर राज्य में विशेष कार्यक्रम के तहत् पल्स पोलियो की दो बूंद दवा पिलाई जाती है।

शिशु संरक्षण माहः-

Child Protection Month:-
शिशु संरक्षण माह विशेष टीकाकरण अभियान के तहत् मनाया जाता है यह अभियान वर्ष में 2 बार आयोजित किया जाता है। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में विभिन्न कारणों से टीकाकरण से वंचित बच्चे एवं माताओं को नियमित टीकाकरण के निर्धारित टीके लगाये जाते है।

पोषण पुनर्वास केन्द्रः-

Nutrition Rehabilitation Centre:-

पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषित 0 से 5 वर्ष के बच्चों को 15 दिवस के लिये भर्ती किया जाता है। आवश्यकतानुसार यह अवधि घटाई या बढ़ाई जा सकती है। इस केन्द्र मे विभागीय निर्देशित भोजन तालिकानुरूप प्रशिक्षित फिडिंग डिमोस्ट्रटर के मार्गदर्शन में भर्ती बच्चों को खान पान एवं माताओं को स्वास्थ्य शिक्षा दी जाती है। कुपोषित शिशु को पौष्टिक भोजन के साथ-साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य जांच एवं ईलाज पूर्णतः निःशुल्क कराया जाता है। प्रतिदिन बच्चों का वजन एवं ऊँचाई माप कर उनमें होने वाले विकास एवं सुधार का दस्तावेजीकरण कर आवश्यकतानुसार भोजन एवं उपचार पद्धति में परिवर्तन कर सुपोषण की पहल की जाती है। कुपोषित शिशु के साथ रहने वाले परिजन को 150 रू/दिन के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का प्रावधान है। यह राशि 15 दिवस भर्ती रहने के उपरांत छुट्टी होते ही रेखांकित धनादेश के माध्यम से या ई-ट्रांसफर के माध्यम से प्रदाय की जाती है।

चिकित्सकीय गर्भपात का समापनः-

Termination of medical abortion:-

जिले के शासकीय मेडिकल कॉलेज सबंद्ध हॉस्पिटल एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अनचाहे गर्भ का चिकित्सकीय समापन-चिकित्सकीय गर्भपात अधिनियम में निहित प्रावधानों तहत् गर्भ समापन पूर्णतः निःशुल्क सेवायें दी जाती है।

नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई:-

Neonatal Intensive Care Unit:-

जिले के शासकीय मेडिकल कॉलेज रायपुर में 44 बिस्तरीय एवं जिला चिकित्सालय रायपुर में 12 बिस्तरीय नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई संचालित है। यहाँ शिशु रोग वि शेषज्ञ की देखरेख में नवजात शिशुओं का निःशुल्क ईलाज किया जाता है। इस इकाई में नवजात को श्वसन दर में कमी,


नवजात स्थिरीकरण चिकित्सा इकाई:-

Neonatal Stabilization Therapy Unit:-

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह चिकित्सा इकाई संचालित है। नवजात स्थिरीकरण चिकित्सा इकाई प्रसूति वार्ड के निकट प्रदाय की जाती है जिसमें बीमार एवं शरीर का तापमान कम होना, पीलिया, इत्यादि बीमारियों से शिशु स्वास्थ्य की देखभाल किया जाता है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु योजना):-

National Child Health Program (Chirayu Scheme):-

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 15 अगस्त 2014 से सम्पूर्ण प्रदेश में हुआ है। जिसके अन्तर्गत जिले के सभी शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, समस्त अनुदान प्राप्त स्कूलों तथा आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत् बालक/बालिकाओं तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत 0 से 18 वर्ष के बालक / बालिकाओं का चिरायु दल (चिरायु दल में वर्तमान में प्रति दल 02 आयुष चिकित्सक, महिला एवं पूरूष, 01 फार्माशिष्ट, 01 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहित 01 लैब टेक्निशियन का प्रावधान है) द्वारा स्वास्थ्य जांच किया जाता है। इस योजना के तहत् चिरायु दल को वाहन उपलब्ध कराया गया है जिससे वे वर्ष भर दौरा कर स्कूलों एवं आवासीय विद्यालयों में वर्ष भर में एक बार न्यूनतम एवं आंगनबाड़ी के बच्चों को वर्ष में दो बार स्वास्थ्य जांच पूर्ण करते है।

102 महतारी एक्सप्रेस (24X7):-

102 Mahtari Express (24X7):-

102-टोल फ्री नम्बर के माध्यम से राजधानी रायपुर, स्थित कन्ट्रोल रूम में संचालित, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छ.ग. सरकार द्वारा अनुबंधित सेवा प्रसव हेतु निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराना है। इस सुविधा का उद्देश्य प्रत्येक गर्भवती माताओं को प्रसव के दौरान निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराना है एवं प्रसवकाल में परिवहन के विलंब से होने वाली मातृ मृत्यु को कम करना है। इसी प्रकार यह सुविधा वर्तमान में 0 से 01 वर्ष के बीमार बच्चों को अस्पताल ले जाने भी उपलब्ध है जिससे शिशु मृत्यु दर में कमी की जा सकें। इस योजना के तहत् जिले के किसी भी स्थान से 102 टोल फ्री नम्बर पर कॉल करने पर 30 मिनट के समय सीमा में प्रसव सुविधा हेतु वाहन उपलब्ध होती है। जो हितग्राहियों को एवं उसके परिवार के एक सदस्य को घर से अस्पताल तक प्रसव के लिये ले जाती है, इसी प्रकार अस्पताल में यदि प्रसव ऑपरेशन से होने की संभावना हो तो यह अस्पताल से उच्च स्तरीय सुविधायुक्त अस्पतालों तक तथा अस्पताल से घर वापसी की सुविधा भी उपलब्ध कराती है। जोकि पूर्णतः निःशुल्क है। जिले में पृथक-पृथक स्थानों पर इस वाहन के लोकेशन है जहाँ वाहन अपनी सेवा दिये जाने के उपरांत पुनः खड़ी होती है। यह सुविधा 24X7 संचालित है।

108 संजीवनी एक्सप्रेस सेवाः-

108 Sanjeevani Express Service:-

108 टोल फ्री नम्बर के माध्यम से राजधानी रायपुर, स्थित कन्ट्रोल रूम से संचालित, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छ.ग. सरकार द्वारा अनुबंधित सेवा आपात कालीन परिवहन हेतु निःशुल्क सुविधा है। इस सुविधा का उद्दे य आपात कालीन दुर्घटना, आपदा अथवा गंभीर बीमारियों में तात्कालिक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराकर असमय होने वाली मृत्युदर को कम करना है तथा अत्यंत जोखिम वाले प्रकरणों में परिवहन समय का न्यूनतम कर आमजन की जीवन की रक्षा करना है।


104 आरोग्य सेवाः-

104 Health Services:-

104 टोल फ्री नम्बर के माध्यम से राजधानी रायपुर, स्थित कन्ट्रोल रूम में संचालित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छ.ग. सरकार द्वारा अनुबंधित शिकायत, सुक्षाव एवं परामर्श सेवा हेतु निःशुल्क सुविधा है। इस सुविधा का उद्देश्य विभाग में प्रदाय की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना एवं जनसामान्य की शिकायतों, सुझावों की समीक्षा कर विभागीय कमियों को दूर करना। इसी प्रकार इस सेवा का लाभ परामर्श हेतु भी लिया जा सकता है। यह सेवा पूर्णतः टोल फ्री सेवा है। जिले में 104 के माध्यम से समय-समय पर प्राप्त शिकायतों का निराकरण किया जाता रहा है।

1099 मुक्तांजली एम्बुलेंसः-

1099 Muktanjali Ambulance:-

जिले के शासकीय अस्पतालों से प्रियजनों के पार्थिव देह को अस्पताल से उसके निवास स्थान तक ससम्मान पहुँचाने हेतु 24X7 निःशुल्क वाहन सेवा मुक्तांजली प्रारंभ की गई है। इस निःशुल्क वाहन सेवा हेतु टोल फ्री नम्बर 1099 है जो जनसाधारण हेतु 24 घण्टे उपलबध है।

राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रमः-

National Leprosy Eradication Programme:-

शरीर में कोई भी दाग, धब्बा, सुन्नपन कुष्ठ रोग हो सकता है। जो एक नई पद्धति एम.डी.टी. द्वारा पी.वी. का 6 माह एवं एम.बी. का 12 माह तक नियमित उपचार कराने पर पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है। यह दवाई जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास में निःशुल्क उपलब्ध है। यदि कोई मरीज विकृति की ओर चला जाता है एवं ऑपरेशन योग्य होता है। उस स्थिति में मरीज को आरसीएस ऑपरेशन कराने पर 12000 रू. (रू.8000/- ऑपरेशन के पश्चात्, रू. 2000/- प्रथम फॉलोअप एवं रू. 2000/- द्वितीय फॉलोअप में) शासन द्वारा डीबीटी के माध्यम से प्रदाय किया जाता है।

राष्ट्रीय पुनरीक्षित क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रमः-

National Revised Tuberculosis Control Programme:-

किसी भी व्यक्ति को खांसी होने पर टी.बी. हो सकता है। यह एक संक्रामक बीमारी है। बीमार व्यक्ति के खासने से टी.बी. के कीटाणु हवा में फैलते है और श्वास द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों में प्रवेश कर जाते है। नई "डॉट्स" पद्धति से 6 माह तक नियमित उपचार कराने से व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है। टी बी की दवा रोगी के ग्राम / वार्ड में ही ट्रीटमेंट सपोर्टर द्वारा प्रतिदिन खिलाई जाती है। जो पूर्णतः निःशुल्क उपलब्ध है जिले में जीन एक्सपर्ट सीबीनॉट मशीन जो कि अत्याधुनिक क्षयरोग जांच की मशीन है। सीबीनॉट मशीन मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एम्स, जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र कालीबाड़ी में उपलब्ध है। ट्रेनॉट मशीन समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। इस मशीन के द्वारा भी टी.बी. के गंभीर बीमारी की निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है। डिजीटल एक्सरे मशीन जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र में उपलब्ध है, जिसके द्वारा समस्त संभावित टी बी मरीजों का निःशल्क एक्सरे किया जाता है।


राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रमः-

National Family Welfare Programme:-

राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत् पूर्णतः निःशुल्क परिवार कल्याण के अस्थायी साधन किसी भी आम आदमी को जिसकी वे चाहत रखते है उनका पंजीयन कर प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम के तहत् स्थायी विधि के परिवार कल्याण साधन के लिये निःशुल्क ऑपरेशन सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तथा शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपलब्ध है। इस योजना के तहत् निजी संस्थानों को भी मान्यता प्रदान की गई है। योजना में स्थायी विधि के परिवार नियोजन साधन के उपयोगकर्ता को क्षतिपूर्ति दिये जाने का भी प्रावधान है।

स्थाई विधियाँ-एन.एस.व्ही.टी. पुरूष / महिला नसबंदी

Permanent Methods-NSVT male/female sterilization

1. एन.एस.व्ही.टी. बिना चीर फाड़ के ऑपरेशन के बाद तुरंत छुट्टी। हितग्राही को रूपये 3000/- एवं नसबंदी हेतु लाने वाले को रूपये 400/- प्रोत्साहन राशि दिया जाता है।

2. महिला नसबंदी (दूरबीन पद्धति / हाथ वाली पद्धति) - निर्धारित शिविरों में नसबंदी ऑपरेशन संपन्न किये जाते है। हितग्राही महिला को 2000/- रू. अंतराल गर्भपात उपरांत तथा प्रसव पश्चात नसबंदी - 3000 एवं नसबंदी हेतु लाने वाले को कमशः 300/- रू. एवं 400/- रू. प्रोत्साहन राशि दिया जाता है।

अस्थाई विधियाँ-

Temporary methods -

1. कॉपर टी महिलाओं हेतु एवं गर्भनिरोधक पिल्स

2. निःशुल्क कण्डोम वितरण पुरूषों के लिए

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रमः-

National AIDS Control Programme:-

एच.आई.वी./एड्स एक वायरस को कहते है जो मनुष्य के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। एड्स बीमारी असुरक्षित यौन संबंध, सक्रमित रक्त चढ़ाने से, दूषित सुई से प्रयोग से और सक्रमित माँ से बच्चे को फैलता है। अतः इसके बचाव के लिए जीवन साथी के प्रति वफादार रहें एवं निरोध का उपयोग करें। रक्त चढ़ाने के पहले रक्त की जांच अनिवार्यतः करावें। पंजीकृत एड्स मरीजों के देखभाल एवं उपचार हेतु ए.आर.टी. केन्द्र में समेकित परामर्श व जांच नियमित रूप से निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रमः-

National Blindness Control Programme:-

मोतियाबिंद बुढ़ापे में होने वाली आँख की सामान्य बीमारी है। इसका प्रमुख लक्षण धीरे-धीरे नजर कमजोर होना है। 80 प्रतिशत दृष्टिहीनता मोतियाबिंद के कारण होती है कोई भी दवा मोतियाबिंद को समाप्त नहीं कर सकती है जिले के शासकीय अस्पताल-जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निःशुल्क ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है।

महामारी प्रबंधन एवं नियोजन कार्यक्रम उल्टी दस्तः-

Epidemic Management and Planning Program Vomiting Diarrhea:-

दूषित पानी पीने से एवं होटलों में बिना ढके हुए या बासी सामाग्रियों का सेवन एवं सड़े-गल फलों के सेवन से उल्टी-दस्त की बीमारी फैलती है। इससे बचाव के लिए सदैव जल शुद्धिकरण किए गए कुओं एवं हैण्डपंपों का पानी उपयोग करें, ताजा भोजन एवं फलों का उपयोग करें। उल्टी-दस्त होने पर तत्काल अपने टोले, मोहल्ले के मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता से सम्पर्क करें।

उल्टी-दस्त से शरीर में होने वाली कमी को ओ.आर.एस. जीवनरक्षक घोल के सेवन से दूर किया जा सकता है। ओ.आर.एस. पैकेट डिपो होल्डर / मितानिन व समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है।


पीलियाः-

Jaundice:-

पीलिया मुख्यतः प्रदूषित जल व भोजन से फैलन वाला संक्रामक रोग है। जो वायरस "हेपेटाइटिस ई" से फैलता है, इससे गर्भवती महिलाओं को खतरा अधिक होता है।

पीलिया के प्रारंभिक लक्षण मिलने पर तत्काल निकट के स्वास्थ्य केन्द्रों / जिला अस्पताल में संपर्क कर उपचार करावें। नीमहकीम के उपचार एवं झाड़फूंक से बीमारी की स्थिति बिगड़ती है। इससे बचाव हेतु पानी उबालकर या क्लोरीन गोली डालकर उपयोग करें, शौच के पश्चात् व भोजन के पहले हाथ साबुन से धोवें। खुले में रखी बासी व सड़े-गले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। खुलें में शौच न जायें।


राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रमः-

National Vector Borne Disease Control Programme:-

राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रणः-

National Malaria Control:-

कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। सक्रमित मादा एनाफिलिज मच्छर के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति को काटने से मलेरिया रोग का प्रसार होता है। खून की जांच कराकर क्लोरोक्वीन/एसीटी एवं प्रिमाक्वीन की गोली खाएँ। जो सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन के पास उपलब्ध रहता है। मितानिन के पास निःशुल्क आर.डी. किट मलेरिया जांच हेतु उपलब्ध है।

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रमः-

National Filariasis Eradication Programme:-

संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने पर फाईलेरिया (अण्डकोश में सूजन या हाथी पांव के रूप में) बीमारी होती है डी.ई.सी. की गोली 01 वर्ष एक खुराक खाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। जिले में इस बिमारी का प्रभाव शून्य है तथापि इस प्रकार के लक्षण के कोई भी मरीज मिलने पर उसे नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज हेतु भेजना जाना चाहिये, स्वास्थ्य केन्द्र में इस बिमारी का ईलाज पूर्णतः निःशुल्क किया जाता है।

डेंगू नियंत्रण कार्यक्रमः-

Dengue Control Programme:-

डेंगू एक वायरल बीमारी है इसका संचार एडीज एजप्टाई मच्छर के एक सक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में मच्छर काटने से होता है।

सामान्य लक्षण- सर्दी, खांसी, बुखार सिर दर्द, आँखों की पुतलियों में दर्द, बुखार के साथ लाल दाने या चकते आना, बुखार के साथ रक्त स्त्राव मसूड़ों आंत या शरीर के विभिन्न अंगों से होना। डेंगू से बचाव बहुत आसान है घर के आस-पास पानी का जमाव न हो, कैरोसीन तेल / टेमीफॉश / जला तेल का छिड़काव साप्ताहिक रूप से करवाएँ, कूलरों का पानी नियमित रूप से बदलना चाहियें, शरीर को मच्छर के संपर्क में न आने देवें एवं मच्छरदानी का नियमित इस्तेमाल करें।

राष्ट्रीय कार्यक्रम गैर संचारी रोग नियंत्रण NP NCD:-

National Program for Noncommunicable Disease Control NP NCD:-

इस कार्यक्रम के अंतर्गत पीड़ित लोगों के स्क्रीनिंग स्वस्थ जीवन शैली केन्द्र जिला एवं सभी स्तर पर प्रारंभ किए जा रहे हैं, जिसमें इन मरीजों का पंजीयन कर ईलाज किया जा रहा है एवं बीमारियों से बचने के लिए काउंसलिंग की जा रही है। स्क्रीनिंग कैम्प का भी आयोजन किया जा रहा है।


NTCP तम्बाकु नियंत्रण कार्यक्रमः-

NTCP Tobacco Control Programme:-

धुम्रपान एवं तम्बाकु से बने पदार्थों का सेवन न करने एवं उससे होने वाले खतरों की जानकारी देते हुस जागरूकता अभियान किया जा रहा है। शालेय स्तर पर इस संबंध में नियमित रूप से स्वास्थ्य

शिक्षा देते हुए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत् कोटपा एक्ट 2003 का जिले में क्रियान्वयन किया गया है जिसके उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्यवाही का प्रावधान है।

NOHP राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रमः-

NOHP National Oral Health Programme:-

इस कार्यक्रम के तहत् मरीजों का दंत चिकित्सकों द्वारा मुख स्वास्थ्य संबंधी ईलाज किया जाता है। प्रतिदिन शासकीय मेडिकल कॉलेज सबंद्ध हॉस्पिटल में एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आमजन हेतु ओ.पी.डी. संचालित की जा रही है। जिसमें दंत चिकित्सकों द्वारा मुखर स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सकीय परीक्षण उपरांत ईलाज किया जाता है।

NPPCD-राष्ट्रीय बधिरता निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रमः-

NPPCD-National Program for Prevention and Control of Deafness:-

इस कार्यक्रम में कर्ण संबंधी रोग से पीड़ित व्यक्तियों का स्क्रीनिंग किया जाता है। इस प्रकार के मरीजों का स्क्रीनिंग उपरांत विभाग द्वारा उचित परामर्श एवं निःशुल्क ईलाज किया जाता है। इसके साथ ही स्कूली बच्चों को चिरायु दल द्वारा स्क्रींनिग किया जाता है तथा ईलाज के लिए उच्च स्तरीय चिकित्सालयों में रिफर कर उपचार करवाया जाता है।

NPHCE राष्ट्रीय बुजुर्ग देखभाल कार्यक्रमः-

NPHCE National Elderly Care Programme:-

इस कार्यक्रम के तहत् 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के मरीजों का निःशुल्क ईलाज किया जाता है। शासकीय मेडिकल कॉलेज सबंद्ध हॉस्पिटल में 10 बिस्तर युक्त जिर्याटिक वार्ड संचालित है। शासकीय मेडिकल कॉलेज सबंद्ध हॉस्पिटल में प्रतिदिन एवं सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सप्ताह में दो दिवस वयोवृद्ध जन हेतु ओ.पी.डी. संचालित की जा रही है। चिकित्सकीय परीक्षण उपरांत अक्षम वृद्धजनों को सहारे हेतु निःशुल्क उपकरण वितरित किये जाते है। जिसके लिये समय-समय पर शिविर का आयोजन भी किया जाता है।

NMHP राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमः-

NMHP National Mental Health Programme:-

इस कार्यक्रम के तहत् मानसिक रूप से पीड़ित मरीजों का मनोवैज्ञानिक एवं चिकित्सकों द्वारा ईलाज किया जाता है। जिले में इस कार्यक्रम के तहत् ओ.पी.डी. संचालित की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत् मनोवैज्ञानिक चिकित्सक एवं परामर्श दाता द्वारा निर्धारित दिवस पर परामर्श एवं सेवायें दिया जा रहा है। मानसकि रोगियों के उपचार एवं परामर्श हेतु स्पर्श क्लिनिक जिला चिकित्सालय में प्रारंभ किया गया है।

NMHP राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमः-

NMHP National Mental Health Programme:-

इस कार्यक्रम के तहत् मानसिक रूप से पीड़ित मरीजों का मनोवैज्ञानिक एवं चिकित्सकों द्वारा ईलाज किया जाता है। जिले में इस कार्यक्रम के तहत् ओ.पी.डी. संचालित की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत् मनोवैज्ञानिक चिकित्सक एवं परामर्श दाता द्वारा निर्धारित दिवस पर परामर्श एवं सेवायें दिया जा रहा है। मानसकि रोगियों के उपचार एवं परामर्श हेतु स्पर्श क्लिनिक जिला चिकित्सालय में प्रारंभ किया गया है।

राष्ट्रीय सिकल सेल एनिमिया उन्मूलन कार्यक्रमः-

National Sickle Cell Anemia Eradication Program:-

सिकलसेल एक वंशानुगत बीमारी है। इस बीमारी में लाल रक्त कणिकाओं में संरचनात्मक खराबी हो जाती है। जिससे खून की कमी व अन्य दीर्घकालीन प्रभाव होने लगते है। इसका ईलाज

निःशुल्क उपलब्ध है। सिकलसेल की जांच एवं रोकथाम हेतु रक्त की जांच कराकर भविष्य की परेशानियों से बचा जा सकता है। इस हेतु विवाह पूर्व काउंसलिंग एवं लड़के-लड़कियों को रक्त परीक्षण कराना चाहिये। राष्ट्रीय सिकल सेल एनिमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री महोदय द्वारा 1 जुलाई 2023 को की गई है। उद्देश्य वर्ष 2047 तक सिकल सेल बीमारी को भारत से जड़ से खतम करना है।

आयोडीन की कमी एवं घेघा रोग उन्मूलन कार्यक्रमः-

Iodine deficiency and goiter disease eradication program:-

आयोडीन एक आव यक सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन के निर्माण का कार्य करता है। यह हार्मोन सामान्य शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक है इसकी कमी से शारीरिक विकास प्रभावित होता है, साथ ही बच्चा मंदबुद्धि का हो सकता है। इससे बचने के लिए भोजन में आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करें।

मितानिन कार्यक्रमः-

Mitanin Program:-

समस्त ग्रामों के प्रत्येक टोले, मोहल्ले में पंचायत के माध्यम से एवं नगर निगम क्षेत्र के वार्डों में एक स्वयंसेवक मितानिन का चयन किया जाकर उन्हें बुखार, सर्दी, खांसी, उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों का उपचार एवं गर्भवती महिलाओं की देख-भाल करने हेतु स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रशिक्षण दिया गया है। मितानिनों के द्वारा अपने घरेलू कार्यों के अतिरिक्त निःस्वार्थ रूप से जनसेवा एवं स्वास्थ्य शिक्षा दी जाती है। मितानिन को अब तक जिले में 28 चरण का प्रशिक्षण स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के स्वास्थ्य के प्रारंभिक उपचार के लिए दिये जा चुके है।

अनाबद्ध वित्तीय सहायता राशि-ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितिः-

Untied financial assistance amount - Village Health and Sanitation Committee:-

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत् ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति का गठन ग्राम पंचायत के माध्यम से किया है, जिसमें मितानिनों को भी सम्मिलित किया गया है। इस समिति में प्रति वर्ष 10000/- 5 की राशि उपलब्ध कराई जा रही है, जो ग्राम / पंचायत के स्वास्थ्य योजना एवं अन्य स्वास्थ्य के कार्यों में मदद करती है जो कि पूर्णतः अनाबद्ध राशि होती है।







CG HEALTH DEPARTMENT ALL GOVERNMENT SCHEMES LIST : छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की सभी सरकारी योजना का लिस्ट, CHHATTISGARH HEALTH DEPARTMENT GOVT YOJNA

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