CG MANTRALAYA IMPORTANT NOTICE FOR FAKE CERTIFICATE | छत्तीसगढ़ मंत्रालय द्वारा फर्जी प्रमाणपत्रों के सम्बन्ध में सूचना
माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक Writ Petition (PIL) 36/2023 छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ विरूद्ध छत्तीसगढ़ शासन एवं 14 अन्य के संबंध में।
दिनांक 1 जनवरी 2019 के पश्चात नियुक्त समस्त दिव्यांग शासकीय सेवक जिनके नियुक्ति के समय दिव्यांगता प्रमाण पत्र की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई जा चुकी है, को छोड़कर समस्त दिव्यांगजन शासकीय सेवकों का मेडिकल बोर्ड से निर्धारित समय-सीमा में जांच कराकर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया जावे, निर्धारित समय-सीमा में जांच उपरांत प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने पर मेडिकल बोर्ड से जांच कराने हेतु दिनांक तय कर अभ्यर्थी को मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया जाये कृत कार्यवाही के संबंध में समाज कल्याण संचालनालय को अवगत करावें ।
वर्तमान में सभी विभागों द्वारा रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही वृहद स्तर पर की जा रही है। भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगजन हेतु आरक्षित कोटे से शासकीय सेवा में चयन होने पर संबंधित अभ्यर्थियों के दिव्यांग प्रमाण पत्र का छत्तीसगढ़ शासन, समाज कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक 938 / 555/2019 / 26 दिनांक 08.05.2019 में दिए गए निर्देश के तहत मेडिकल बोर्ड से सूक्ष्मता से जांच कराई जाये तथा जांच उपरांत दिव्यांग प्रमाण पत्र सही पाये जाने पर ही शासकीय सेवा में ज्वाइनिंग कराया जाये।
दिनांक 01 जनवरी 2019 के पश्चात एवं शासकीय सेवा में नियुक्ति के पूर्व मेडिकल बोर्ड से दिव्यांग प्रमाण पत्र / यूडीआईडी कार्ड का अनिवार्यतः परीक्षण / सत्यापन कराया जाये। विषयांकित याचिका में उल्लेखित 18 शासकीय सेवक जिनके विरूद्ध आरोप है कि वे गलत / फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत हैं, उनके दिव्यांगता की पुष्टि हेतु पुनः मेडिकल बोर्ड से जांच कराई जाये। नियुक्ति के समय दिव्यांग कोटे के अभ्यर्थियों द्वारा दिव्यांगता के संबंध में घोषणा-पत्र / शपथ पत्र (स्वयं) प्रस्तुत किया जाये।
"जो कोई कपटपूर्वक संदर्भित दिव्यांगजनों के लिए आशयित किसी फायदे को लेता है या लेने का प्रयत्न करता है, वह कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक लाख रूपये तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा।" उक्त दण्ड का भागी होगा।
पिटिशन में उल्लेखित 18 शासकीय सेवकों को निर्देशित किया जाये कि वे राज्य मेडिकल बोर्ड, रायपुर के समक्ष उपस्थित होकर अपने दिव्यांग प्रमाण-पत्र की जांच कराये। यह कार्यवाही 15 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से कर ली जाये। जांच उपरांत यदि किसी शासकीय सेवक का दिव्यांग प्रमाण पत्र गलत / फर्जी पाया जाता है। तो संबंधित शासकीय सेवक को नोटिस देकर उनका जवाब प्राप्त किया जाये। जवाब समाधान कारक नहीं पाये जाने पर उपरोक्तानुसार उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाये ।
फर्जी / गलत दिव्यांगजन प्रमाण पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में नियुक्ति अथवा नियुक्ति पश्चात कार्यरत शासकीय सेवकों एवं पिटिशन में उल्लेखित 18 शासकीय सेवकों जिनके प्रमाण पत्र जांच उपरांत मेडिकल बोर्ड से फर्जी / गलत पाये जाते हैं तो उन्हें सेवा से पृथक (बर्खास्त करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग विभाग के परिपत्र कमांक सी / 3-22 / 93 / 3 / एक दिनांक 30 अगस्त 1993 एवं दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 91 में दिये गये प्रावधान अनुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाये ।
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